हर रिश्ते मतलब के नहीं होते
कुछ रिश्ते की अलग ही पहचान होती है
जब जब गर उदास हो या तन्हा
वह अपने दिल के पास होती है
बहुत ही प्यारी होती है यह दोस्ती
ना राशि, रंग,रूप व जाति का मेल
फिर भी सबको स्वीकार होती है
ऐ दोस्त, इच्छा तो यही है दिल की
संग रहूं जनम जनम तेरे
हे ईश्वर, करना बस इतना उपकार
छूटे ना संग, गर छूट जाए प्राण मेरे।
©TOSHAN SAHU
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