"कुछ अजब सा फ़साना,
कुछ अजब सी कहानी है.
कुछ अनजान सा राजा है इस भावना से,
कुछ अनजानी सी रानी है.
कुछ अल्फाज़ में उसने पिरोना चाहा,
कुछ लफ़्जो में रानी ने गुनानी है.
उनका कहना है, मैं राजा अपनी रानी का हूँ,
मैं रानी बस तुम्हारी हूँ."
कुछ अजब सा फ़साना,
कुछ अजब सी कहानी है.
कुछ अनजान सा राजा है इस भावना से,
कुछ अनजानी सी रानी है.
कुछ अल्फाज़ में उसने पिरोना चाहा,
कुछ लफ़्जो में रानी ने गुनानी है.
उनका कहना है, मैं राजा अपनी रानी का हूँ,
मैं रानी बस तुम्हारी हूँ.