मजलिस में बैठे थे कुछ यार पुराने शाबिस्ताँ में कर | हिंदी Shayari Vide

"मजलिस में बैठे थे कुछ यार पुराने शाबिस्ताँ में कर रही थी वो इंतजार हमारा हाँ कभी थे तलबगार हम उनके के लिए उन्हें अब मोहब्बत है पर सुनलो जी इनकार हमारा सुरेश ©suresh pawar "

मजलिस में बैठे थे कुछ यार पुराने शाबिस्ताँ में कर रही थी वो इंतजार हमारा हाँ कभी थे तलबगार हम उनके के लिए उन्हें अब मोहब्बत है पर सुनलो जी इनकार हमारा सुरेश ©suresh pawar

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