रिश्ते ..
पहले पहल हमेशा दिमाग में उपजते हैं
फिर दिल में पनपते हैं
वही रिश्ते .. अक्सर
आख़िर दिमाग़ पर ही ख़त्म हो जाते हैं
दिल में रह जाती है ... ख़ाक बनकर उदासी
रिश्ते .. प्रेम माँगते हैं
प्रेम .. रिश्ते नहीं !!
समझ का कितना बड़ा फेर है
और
यहीं उलझी पड़ी है
इस सदी की
एक पूरी पीढ़ी
..
©Jay D
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