khushboo जो तुम्हारे जुल्फ की आज तक न मैं भूल पाया | हिंदी कविता

"khushboo जो तुम्हारे जुल्फ की आज तक न मैं भूल पाया हूं तब दबाया था मैंने उंगली तुम्हारा , aur AB पांव दबा रहा हूं! ©vikas agrawal"

 khushboo जो तुम्हारे जुल्फ की आज तक न मैं भूल पाया हूं तब दबाया था मैंने उंगली तुम्हारा , aur AB पांव दबा रहा हूं!

©vikas agrawal

khushboo जो तुम्हारे जुल्फ की आज तक न मैं भूल पाया हूं तब दबाया था मैंने उंगली तुम्हारा , aur AB पांव दबा रहा हूं! ©vikas agrawal

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