"आज चुभते है आँखों मे काँटों कि तरह , तो क्या हुआ
कल याद करोगे , जब ना रहेंगे साथ तुम्हारे
किया आजाद सारे वादें से तुम्हें मैंने
अब ना होगी कोई गीला तुम्हें जिन्दगी से , तो क्या हुआ
कल याद करोगे , जब ना रहेंगे पास तुम्हारे"
आज चुभते है आँखों मे काँटों कि तरह , तो क्या हुआ
कल याद करोगे , जब ना रहेंगे साथ तुम्हारे
किया आजाद सारे वादें से तुम्हें मैंने
अब ना होगी कोई गीला तुम्हें जिन्दगी से , तो क्या हुआ
कल याद करोगे , जब ना रहेंगे पास तुम्हारे