चांद सी आंखों से गिरते हैं अश्क से तारे
है घनेरी जुल्फ तले नम रात के नजारे
दर्द आएगा दबे पांव सुबह की तरह
फिर तो सूरज में जलेंगे मेरे अरमां सारे
तुम्हें पाया तो नीरस हो गई ये दुनिया
और दुश्मन सी हो गई घर की दीवारें
तू न आई तो अधूरी है जिंदगी की गजल
जाने कब आएगी तू लेकर हुस्न की बहारें
©Nizam Ansari
#dhoop