White शज़र तो किसी को लगाना नहीं है,
हक़ीकत किसी को बताना नहीं है।
मुहब्बत में कोई जाँ अपनी लुटा दे,
ज़माने में अब ऐसा दीवाना नहीं है।
करें बात सच की सभी यहाँ आदम,
मगर झूठे वादों का ठिकाना नहीं है।
प्यार ही प्यार मुख से जिनके टपके,
राज-ए-दिल उन्हीं को बताना नहीं है।
हवा में महल जो खड़े कर है देते यहाँ,
ऐसे नेताओं के नज़दीक आना नहीं है।
©अनिल कसेर "उजाला"
शज़र