वही आंगन वही खिड़की वही दर याद आता है अकेला जब भी | हिंदी शायरी

"वही आंगन वही खिड़की वही दर याद आता है अकेला जब भी होता हु मुझे घर याद आता है ©Vipin Neha"

 वही आंगन वही खिड़की वही दर याद आता है
अकेला जब भी होता हु मुझे घर याद आता है

©Vipin Neha

वही आंगन वही खिड़की वही दर याद आता है अकेला जब भी होता हु मुझे घर याद आता है ©Vipin Neha

@Ankita Shukla @Anshu writer Asha...#anu R K Mishra " सूर्य " @–Varsha Shukla

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