घुंघट मे चांद था दिदार बस होने का था… दिदार हुआ | हिंदी विचार

"घुंघट मे चांद था दिदार बस होने का था… दिदार हुआ नहीं …. इंतजार मे बीत गई अमावस की सदिया …. पूनम की रात फिर कभी आई नहीं ….. आपका हमदर्द ©Kiran Pawara"

 घुंघट मे चांद  था 
दिदार बस होने का था…

दिदार हुआ नहीं ….

इंतजार मे बीत गई 
अमावस की सदिया ….

पूनम की रात 
फिर कभी  आई नहीं …..

आपका हमदर्द

©Kiran Pawara

घुंघट मे चांद था दिदार बस होने का था… दिदार हुआ नहीं …. इंतजार मे बीत गई अमावस की सदिया …. पूनम की रात फिर कभी आई नहीं ….. आपका हमदर्द ©Kiran Pawara

#chaand

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