सबकी सब बातें भूल गया,
कालेज का जाना याद रहा,
तुमसे मिलना, मुस्काना गाना,
दिल का लगाना याद रहा,
हर बात पै जुल्फें लहराना,
चलना रुक जाना याद रहा,
कभी सीढ़ी कभी क्लास रुम मे,
अक्सर टकराना याद रहा,
कभी पलके झुकाना,
कभी पलके उठाना
कभी आंख चुराना याद रहा,
प्रिये आज भी तेरा भूला बिसरा,
वह गीत सुनाना याथ रहा
कालेज का जाना याद रहा।
©ब्रजमोहन पांडेय
#Nawaaz