सफलता तुम जीत लो आकाश को,तुम सींच लो उस आस को,
ले जाए जो तुम्हें दूर तक, ऊंचाइयों के उस शिखर..
मुठ्ठी को अपने बांध लो, उम्मीद का दामन थाम लो,
चेहरे पर अब न हो कोई सिकन,हौसले को अपने उड़ान दो.
हिम्मत को जो न हारेगा, वो जीत कर ही आएगा,
सैलाब हो या आंधियां,वो पार सब कर जायेगा..
लड़ना जिसे आता नही, झुकना जिसे भाता नहीं,
अब मौन रहकर काम कर,
जब जीत जाए, तब ऐलान कर,
जब जीत जाए तब ऐलान कर..
©kalpana srivastava
सफलता