सर्द है दर्द है पैसों का मारा मर्द है बीबी का ज | हिंदी कॉमेडी

"सर्द है दर्द है पैसों का मारा मर्द है बीबी का ज्यादा खर्च है इतने सामान का ना अर्थ है पर खरीदना है यही फर्ज है चाहे कितना भी कर्ज है उसकी खुशी के लिए अर्ज है हकीम परेशान है इसका क्या मर्ज है ©अनुज"

 सर्द  है
 दर्द  है
पैसों का मारा मर्द है
बीबी का ज्यादा खर्च है
इतने सामान का ना अर्थ है 
पर खरीदना है यही फर्ज है 
चाहे कितना भी कर्ज है
उसकी खुशी के लिए अर्ज है 
हकीम परेशान है इसका क्या मर्ज है

©अनुज

सर्द है दर्द है पैसों का मारा मर्द है बीबी का ज्यादा खर्च है इतने सामान का ना अर्थ है पर खरीदना है यही फर्ज है चाहे कितना भी कर्ज है उसकी खुशी के लिए अर्ज है हकीम परेशान है इसका क्या मर्ज है ©अनुज

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