White ठेले और ढाबों दुकानों पे वो नाम लिखा रहें है | हिंदी मोटिवेशनल V

"White ठेले और ढाबों दुकानों पे वो नाम लिखा रहें हैं। हिन्दू मुसलमान की वो पहचान करा रहे हैं। कांवड़ यात्रा के मदद को सारा जहाँ खड़ा है, सियासी लोग देवी देवताओं का सर झुका रहे हैं। धर्म ग्रंथों में लिखा है नफ़रत से दुनिया नही चलती, फिर क्यों गंगा जमुनी तहजीब को ठेस पहुंचा रहें हैं। नाम लिखना है तो खून की बोतलों पे भी लिख देना, अक्ल ठिकाने आ जाएगी जो फरमान सुना रहे हैं। नफ़रत है तुन्हें हरे रंग से बदल दीजिए तिरंगे को, हरे सब्जियों को दूर रखो फिर देखो क्या खाये जा रहें हैं। फिक्र करो जो भाई गल्फ देशों में रहगुज़र कर रहें हैं, इन्हीं नफरतों के चलते वो बाहर निकाले जा रहें हैं। लगा दीजिये आग अपने गाड़ियों और मोटरों में, उन्ही ही तेलों से उनको सड़कों पर दौड़ाए जा रहें हैं। देश के लिये सभी लोगों ने कुर्बानियां दी मत भूलिए, मोहब्बत की मिशाले दुनियां में यूंही नही दिए जा रहे थे। ©Mohd Kamruzzama "

White ठेले और ढाबों दुकानों पे वो नाम लिखा रहें हैं। हिन्दू मुसलमान की वो पहचान करा रहे हैं। कांवड़ यात्रा के मदद को सारा जहाँ खड़ा है, सियासी लोग देवी देवताओं का सर झुका रहे हैं। धर्म ग्रंथों में लिखा है नफ़रत से दुनिया नही चलती, फिर क्यों गंगा जमुनी तहजीब को ठेस पहुंचा रहें हैं। नाम लिखना है तो खून की बोतलों पे भी लिख देना, अक्ल ठिकाने आ जाएगी जो फरमान सुना रहे हैं। नफ़रत है तुन्हें हरे रंग से बदल दीजिए तिरंगे को, हरे सब्जियों को दूर रखो फिर देखो क्या खाये जा रहें हैं। फिक्र करो जो भाई गल्फ देशों में रहगुज़र कर रहें हैं, इन्हीं नफरतों के चलते वो बाहर निकाले जा रहें हैं। लगा दीजिये आग अपने गाड़ियों और मोटरों में, उन्ही ही तेलों से उनको सड़कों पर दौड़ाए जा रहें हैं। देश के लिये सभी लोगों ने कुर्बानियां दी मत भूलिए, मोहब्बत की मिशाले दुनियां में यूंही नही दिए जा रहे थे। ©Mohd Kamruzzama

कौन मेरी बात से सहमत है निज़ाम खान @shiza Irfan Saeed @h m alam s @Parvaiz Ahmed

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