"निरंतर पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ और मन की शकà¥à¤¤à¤¿ से ही, पहुचा जा सकता है
सफलता रूपी गिरि के शिखर पर ,
निश्चित है मिलेंगे हज़ारो कन्टक,
असम्भव से सम्भव की इस डगर मे,
पार कर सकते है किन्तु
चुनौतियो के इस भवर को,
धैर्य को सच्चा साथी बना लेने से ही...
©Jyoti Kanaujiya
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