मुखत्सर है सिलसिला-ए-इश्क अभी शायरी में, के क्षमा | हिंदी शायरी Video
"मुखत्सर है सिलसिला-ए-इश्क अभी शायरी में,
के क्षमा के परवानों ने जलकर अभी,
इश्क शायरी से करना नहीं छोड़ा
(मुखत्सर-जारी)
(क्षमा के जले परवाने-इश्क में धोखा खाए हुए)"
मुखत्सर है सिलसिला-ए-इश्क अभी शायरी में,
के क्षमा के परवानों ने जलकर अभी,
इश्क शायरी से करना नहीं छोड़ा
(मुखत्सर-जारी)
(क्षमा के जले परवाने-इश्क में धोखा खाए हुए)