Unsplash कम हो ज़्यादा मगर हो सितम निगाहों का सिलस | हिंदी Poetry

"Unsplash कम हो ज़्यादा मगर हो सितम निगाहों का सिलसिला इश्क में कोई हो पास आने का गुज़ार ले कुछ पल तो प्यार से गिला न कर सफ़र बाकी है हाथ-हाथ से मिलाने का ©Shiv Narayan Saxena"

 Unsplash कम हो ज़्यादा मगर हो सितम निगाहों का
सिलसिला इश्क में कोई हो पास आने का
गुज़ार ले कुछ पल तो प्यार से गिला न कर
सफ़र  बाकी  है  हाथ-हाथ  से  मिलाने का

©Shiv Narayan Saxena

Unsplash कम हो ज़्यादा मगर हो सितम निगाहों का सिलसिला इश्क में कोई हो पास आने का गुज़ार ले कुछ पल तो प्यार से गिला न कर सफ़र बाकी है हाथ-हाथ से मिलाने का ©Shiv Narayan Saxena

#lovelife हाथ हाथ से मिलाने का ..... love poetry in hindi

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