चूल्हे की फूलती रोटी समान मैं एक स्त्री घुटन में स

"चूल्हे की फूलती रोटी समान मैं एक स्त्री घुटन में सुलगती हूँ, आत्मसम्मान मेरा चूल्हे की राख सा ह्रदय मेरा मैं पल-पल निचोड़ती हूँ, समाज मुझे जब दोषित ठहराता सफ़ाई नहीं देती बस आजीवन पत्थर हो जाती हूँ।। ©Megha kanojia"

 चूल्हे की फूलती रोटी समान
मैं एक स्त्री घुटन में सुलगती हूँ, 

आत्मसम्मान मेरा चूल्हे की राख सा
ह्रदय मेरा मैं पल-पल निचोड़ती हूँ, 

समाज मुझे जब दोषित ठहराता
सफ़ाई नहीं देती
 बस आजीवन पत्थर हो जाती हूँ।।

©Megha kanojia

चूल्हे की फूलती रोटी समान मैं एक स्त्री घुटन में सुलगती हूँ, आत्मसम्मान मेरा चूल्हे की राख सा ह्रदय मेरा मैं पल-पल निचोड़ती हूँ, समाज मुझे जब दोषित ठहराता सफ़ाई नहीं देती बस आजीवन पत्थर हो जाती हूँ।। ©Megha kanojia

#Mereख़्यालात♥️
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