चूल्हे की फूलती रोटी समान मैं एक स्त्री घुटन में सुलगती हूँ, आत्मसम्मान मेरा चूल्हे की राख सा ह्रदय मेरा मैं पल-पल निचोड़ती हूँ, समाज मुझे जब दोषित ठहराता सफ़ाई नहीं देती बस आजीवन पत्थर हो जाती हूँ।। ©Megha kanojia #Mereख़्यालात♥️ . . . #hindiquotes #hindipoetry #hindishayari #hindiwriters Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto