"उसके हाथ मेरे हाथ पर थे और..
चूमना चाहता था वह लब मेरे यार,
इस पल का मुझे कब से था इंतजार,
कर दिया खुद को उसे ही समर्पित
इतना किया था उससे बेइंतहा प्यार!
बेहद पाक थी उसकी मोहब्बत,
सीने से अपने मुझे लगा लिया यार।
देखती ही रह गई मैं उसकी शराफत,
प्रेम किया था उसने मुझसे अपार।
©SumitGaurav2005
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