तेरी मुस्कान खिलती गुलाब सी है, तुझे कौन नहीं निहा | English Shayari V

"तेरी मुस्कान खिलती गुलाब सी है, तुझे कौन नहीं निहारेगा। मदहोश हो गया हूं मै चन्द लम्हों में, तेरी झील से आखों को कौन नहीं निहारेगा।।"

तेरी मुस्कान खिलती गुलाब सी है, तुझे कौन नहीं निहारेगा। मदहोश हो गया हूं मै चन्द लम्हों में, तेरी झील से आखों को कौन नहीं निहारेगा।।

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