'Childhood Story' in 5 Words बचपन
वह भी एक बचपन था
छोटी उम्र का चैन भी था
मिट्टी के घरौंदो मैं खेलना था
बात बात पर झगड़ ना था
नादानी हमारा खेल था
मिट्टी से हमारा नहाना था
शोर सपाटा करते थे
देखके अजनबी को
झूठ सच का पता न था
रोना तो एक बहाना था
साथ किसी के जाना होता
कठ हमारा अपना होता
ऊंच-नीच का भेद ना था
साथ हमारा खेलना था
मम्मी पापा बुआ बाबा
क्या होते हैं हमने ना जाना
गली गलीयारा गांव चौबारा
हमारे लिए होता था प्यारा
वह भी एक बचपन था
डायरी संग्रह "जीवन अमर"
रचनाकार खुमाण सिंह राठोड़
©Khuman Singh
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