एक प्रसंग - शिव पार्वती के विवाह के समय पुरोहित ने | हिंदी Video

"एक प्रसंग - शिव पार्वती के विवाह के समय पुरोहित ने शिव जी के पिता और पूर्वजों के बारे में पूछा तो स्वयंभू भगवान चुप होकर बैठ गए और उपस्थित नारदजी वीणा बजाने लगे! जब पुरोहित ने शिवजी की चुप्पी और नारद के वीणा वादन का कारण पूछा तो श्रीनारद जी ने कहा - शिव आदिपुरुष, स्वयंभू है!शिव स्वयं अनादि है जिनके पूर्व कोई नहीं इसलिए प्रभु चुप बैठे हैं |और मैं वीणा इसलिए बजा रहा हूं ताकि आप शिव के सबसे निकट गुण को जान सके |शिव शाक्षात शब्द ब्रह्म रूप हैं | शिवरात्रि कथा है चेतना के हृदय से उठ कर कंठ में गमन की |यह यात्रा पृथ्वी तत्त्व से होकर जल अग्नि वायु और अंत में अपने मूल में पहुँचने की है |मोक्ष भी सांसारिक दृष्टि से विष सामान है |जब माया का आवरण हटता है तो जीवन जीने का सार नहीं रहता और जीवेष्णा क्षीण होती जाती है तब प्रकट होती है माँ तारा महाविद्या जो इस असार में भी सार का भान कराती है|भुक्ति और मुक्ति दोनों प्रदान करती है |माँ तारा वाक् सिद्धि की भी देवी हैं इसलिए शिवरात्रि को वाणी में संयम रखना श्रेयसकर होता है " #जय_नीलकंठाय #जय_माँ_तारा ©kapil "

एक प्रसंग - शिव पार्वती के विवाह के समय पुरोहित ने शिव जी के पिता और पूर्वजों के बारे में पूछा तो स्वयंभू भगवान चुप होकर बैठ गए और उपस्थित नारदजी वीणा बजाने लगे! जब पुरोहित ने शिवजी की चुप्पी और नारद के वीणा वादन का कारण पूछा तो श्रीनारद जी ने कहा - शिव आदिपुरुष, स्वयंभू है!शिव स्वयं अनादि है जिनके पूर्व कोई नहीं इसलिए प्रभु चुप बैठे हैं |और मैं वीणा इसलिए बजा रहा हूं ताकि आप शिव के सबसे निकट गुण को जान सके |शिव शाक्षात शब्द ब्रह्म रूप हैं | शिवरात्रि कथा है चेतना के हृदय से उठ कर कंठ में गमन की |यह यात्रा पृथ्वी तत्त्व से होकर जल अग्नि वायु और अंत में अपने मूल में पहुँचने की है |मोक्ष भी सांसारिक दृष्टि से विष सामान है |जब माया का आवरण हटता है तो जीवन जीने का सार नहीं रहता और जीवेष्णा क्षीण होती जाती है तब प्रकट होती है माँ तारा महाविद्या जो इस असार में भी सार का भान कराती है|भुक्ति और मुक्ति दोनों प्रदान करती है |माँ तारा वाक् सिद्धि की भी देवी हैं इसलिए शिवरात्रि को वाणी में संयम रखना श्रेयसकर होता है " #जय_नीलकंठाय #जय_माँ_तारा ©kapil

#

People who shared love close

More like this

Trending Topic