क्यों करते हो बदनाम हमे इस मतलबी जमाने में
क्या तुम्हे मज़ा आता किसी को इतना सताने में ,
और कहते हो हिल डुल रहे हो ,होश में तो हो
मैं तुम्हे बता दूं
मैं गलती से भी नहीं गया कभी महखाने में ।।
खैर छोड़ो इन बातों को अब मुझसे तुम्हे आश नहीं है ,
और हमे पता है
पहले जितना था ,अब मुझपे उतना तुम्हे विश्वाश नही है ।।।
©Suraj Saurya
तुम्हे मुझेपे विस्वास नही है ।।