"White शिकायत
शिकायत नहीं मैंने तकल्लुफ़ उठाई थी
पहली बारी सुनी एक बात बताई थी
दोस्ती के खातिर मैने अपनी जिम्मेदारी अपनाई थी
वो जानती थी मुझे शायद पर खुद ही अंजानी थी
ये एक कहानी नहीं मुझे सच्चाई दिखानी थी
एक बेमतलब की परेशानी जड़ से मिटानी थी
ना बातें टटोलनी थी ना ही हरकत घिनौनी थी
बस शब्दों की पीछे की गहराई समझानी थी
हो गयी हैं अब जो होनी थी
मुसीबतो से गेहरी आंखे और
खयालों में डूबी सोच मुझे खोलनी थी
मुझे तुमसे दिल से दिल की बाते बोलनी थी
©काव्यात्मक अंकुर"