लकीरों में ना हुई तुम तो यादों में रह जाना!जिंदगी मैं साथ रहे या ना रहे बस ख्वाबों में साथ रह जाना!
दिल में जगह नहीं मांगते तुम्हारी बस मेरे दिल में खुदा की सूरत बन रह जाना! किस्मत की लकीरों में भले ही तुम ना हो मेरे सपनों के जहां में आ जाना क्या करूं तेरी चाहत!
उस खुदा से जो लकीरों में तुम्हें लिखना भूल गया!क्या करूं किसी से शिकायत जो मेरा किस्मत रूठ गया तेरा साथ चाहता था तेरा साथ ही छूट गया!
शायद तकदीर की तस्वीर नहीं होती सच्ची मोहब्बत की लकीर नहीं होती!!
©om patil writer
#toyheart