तू क्या है
तू जीव है,मैं प्रकृति हूं,
तू आत्मा है,मैं शरीर हूं ,
तू धूप है,मैं परछाईं हूं,
तू मिट्टी है, मैं कण हूं,
तू हवा है, मैं सांस हूं,
तू सोच है, मैं मन हूं,
तू ख्वाब है,मैं विचार हूं,
तू चिंता है, मैं मनन हूं,
तेरे होने से मैं हूं,
तू न हो तो मैं न हूं।
राज की बात
©Rajesh kumar shastri
राज की बात