सफर में ना जाने कितने शहर उजड़ गए सम्भालना जिसे आ | हिंदी Shayari Vide

"सफर में ना जाने कितने शहर उजड़ गए सम्भालना जिसे आता था वो खुद उजड़ गए घर से शहर तक जितनी भी तालीम सीखी वो सब मुक्कमल हुए तो घर उजड़ गए ©Shiv "

सफर में ना जाने कितने शहर उजड़ गए सम्भालना जिसे आता था वो खुद उजड़ गए घर से शहर तक जितनी भी तालीम सीखी वो सब मुक्कमल हुए तो घर उजड़ गए ©Shiv

सफर में ना जाने कितने शहर उजड़ गए
सम्भालना जिसे आता था वो खुद उजड़ गए
घर से शहर तक जितनी भी तालीम सीखी
वो सब मुक्कमल हुए तो घर उजड़ गए
#sunrisesunset

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