Can you just talk , अभिनन्दन सूरज का ऐसा,
साँझ को जल्दी ढल जाता है,
चाँद के जैसा दोस्त ना कोई,
बादल मे छुपकर मुस्कराता है
तुम्हारे आने की खुश्बू से,
अंतर्मन खुसबूमय हो जाता है,
बातों मे बातें बनती हैँ,
बातों से नशा हो जाता है.
बातों की नदी सी चलती है,
और बातों का भवर हो जाता है,
बातों का गावं बसा हुआ,
बातों का शहर हो जाता है
सुबह सुबह बातों मे उलझें,
दोपहर हो जाता है,
बातों मे बातें बनती हैँ,
बातों से नशा हो जाता है.
©Prem kumar gautam
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#Love
#unlimitedishq Astha gangwar ©