"White गिला नहीं रहा किसी से
शिकवा भी कभी नहीं किया
जब जब ग़म की घटा है छाई
किस्मत ने जब किया ढिठाई
किस्मत की बाजी भी पलटी
आत्मबल से हरा दिया
मिथ्या है ये जीवन फिर भी
सत्य मान कर जिया किया
किया वरण मैंने मृत्यु का
हंसते हंसते विदा लिया
©श्रद्धा - एक गहरा समुन्दर"