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*अकेलापन संसार मे सबसे बड़ी सज़ा है*
*और एकांत सबसे बड़ा वरदान*
*ये दो समानार्थी दिखने वाले शब्दों के*
*अर्थ में आकाश पाताल का अंतर है*
*अकेलेपन में छटपटाहट है*
*एकांत में आराम*
*अकेलेपन में घबराहट है*
*एकांत में शांति*
*जब तक हमारी नज़र बाहरकी ओर है*
*तब तक हम अकेलापन महसूस करते हैं*
*जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ी*
*तो एकांत अनुभव होने लगता है*
*ये जीवन और कुछ नहीं वस्तुतः*
*अकेलेपन से एकांत की ओर यात्रा ही है*
*ऐसी यात्रा जिसमें रास्ता भी हम हैं,*
*राही भी हम हैं और*
*मंज़िल भी हम ही हैं*
*घर में कभी भी अकेलापन नहीं*
*अपनापन है इसका आनंद लीजिए*
©anandi
#milan_night