खुदा की रहमत हो जाती गर खुदा की रहमत,
बन जाती फिर फूटी किस्मत।
हो जाते रूठे लोग भी सहमत,
सभी उठातें फिर तो जहमत।
सफल होती फिर हर मेहनत,
बन जाती फिर बिगड़ी सेहत।
बनने लगते बिगड़े सारे काम,
मिल जाती फिर काफी राहत।
मिलने लगते सारे भूले बिसरे,
फिर कोई नहीं करता आहत।
बढ़ती जाती है सबकी चाहत,
मिट जाती फिर सारी आफत।
हो जाती गर खुदा की रहमत।
#खुदा की रहमत*