आज एक समय बाद एक याद गुजरी है
उसकी बेवफाई की राख जो उड़ी है...!
उसके सवालो की परची गुम गई है कहीं,
इसलिये विश्वास से पहली बार, उसकी बात गुजरी है...!
और छोड दिया है अब उसने भी अपनी सारी पुरानी यादो का साथ..लगता है उसके साथ भी वही बात गुजरी है...!
उसकी सारी शिकायते दूर हो रही है, लगता है शिकायतों के दौर से उसकी हर, हार गुजरी है...! और अब वो पूछने आया है लोगो से मेरा पता, कोई बताए की मै वही थी, अभी जिसकी, उसके ही घर के सामने से एक लाश गुजरी है...!
अनामिका (खजाना भावनाओ का)
©Anamika Gupta
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