तेरी यादों में रहता खोया, कहो ढूॅंढ कर लाऊॅं कैसे
तुझ बिन हूॅं अधूरा, ख़ुद को ख़ुद से मिलाऊॅं कैसे।
भूल बैठा हूॅं दुनिया को, ख़ुद के दिल का पता भी
कोई तो बताओ उपाय, घर जाऊॅं तो जाऊॅं कैसे।
जो तू नहीं है रूबरू मेरे, कोई साज सजता नहीं
भूल ख़ामोशी, इश्क़ का तराना गुनगुनाऊॅं कैसे।
दर्पण भी देखता हूॅं, तेरा ही अक्स आता है नज़र
डूबा हूॅं तेरी झील सी निगाहों में, उबर पाऊॅं कैसे।
नाम भी अब तक बताया नहीं तूने अपना साहिबा
इस दिल की जान को, किस नाम से बुलाऊॅं कैसे।
मेरा साया बन हरसू, फ़क़त तू ही साथ चलती है
मेरी साॅंसों की रवानी तुझसे है तुझे भुलाऊॅं कैसे।
कह दो इन तन्हाइयों से, मैं तन्हा रहता नहीं 'अर्चना'
तेरी यादों में खोया हूॅं, हाल-ए-दिल तुझे सुनाऊॅं कैसे।
©Archana Verma Singh
#aksharo_ki_awaz
#love
#life
#romance
#roshni