सही-गलत सुन्दर-कुरूप इत्यादि विचार नैतिकता
के जाल हैं जिनमें नहीं फंसना चाहिए कुरूपता सत्य
नहीं है क्योंकि उसमें भी सुंदरता देखी जा सकती है
एक माँ की दृष्टि में उसके बच्चे से सुन्दर कोई नहीं
होता हम धारणओं को सत्य समझ लेते हैं जबकि
सत्य इनसे परे है तथ्य ही परम सत्य है तो विचार
करें कि जिसे आप सत्य समझते हैं क्या वह
वाकई ऐसा है...
-वेद प्रकाश
©VED PRAKASH 73
#सूत्र