White पहनूँ साड़ी या कोई और लिबास बन जाऊँ डॉक्टर य | हिंदी Poetry

"White पहनूँ साड़ी या कोई और लिबास बन जाऊँ डॉक्टर या रहूं मैं आम इंसान चार दीवारी के भीतर रहूं या सड़कों में, मैं निकलूँ हर तरफ हैं नोचने को खड़ा कोई ना कोई शैतान इंसानियत के मुखौटे में छिपा वो हैवान... ©Meenu pant Tripathi Haldwani Nainital"

 White पहनूँ साड़ी या कोई और लिबास
बन जाऊँ डॉक्टर या रहूं मैं आम इंसान 
चार दीवारी के भीतर रहूं 
या सड़कों में, मैं निकलूँ
हर तरफ हैं नोचने को खड़ा 
कोई ना कोई शैतान
इंसानियत के मुखौटे में छिपा वो हैवान...

©Meenu pant Tripathi Haldwani Nainital

White पहनूँ साड़ी या कोई और लिबास बन जाऊँ डॉक्टर या रहूं मैं आम इंसान चार दीवारी के भीतर रहूं या सड़कों में, मैं निकलूँ हर तरफ हैं नोचने को खड़ा कोई ना कोई शैतान इंसानियत के मुखौटे में छिपा वो हैवान... ©Meenu pant Tripathi Haldwani Nainital

#sad_shayari

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