White स्नेह धागा
भीगी पलकों से होकर विदा
बहिना ससुराल को जाती है,
साथ हमेशा अपने पिया का
वो हरपल को पा जाती है ll
आंसू छुपा भाई उसका
रोकर भी तो मुस्काता है,
मन संग कलेजा उसका भी
बिन बोले ही भर आता है ll
रक्षा बन्धन पावन पर्व
जब घुमड़ आता है,
बचपन की हर शैतानी
याद दिला कर जाता है ll
नादानी के झगड़ो का भाई
बहुत ही याद आता है,
झूठी शिकायत करती बहना
का स्नेह बहुत रिझाता है ll
सदा खुश रहे बहिना मेरी,
अब भाई यही गाता है,
खट्टे मीठे पलो की याद
अनुपम पर्व दिलाता है ll
सूनी ना रह जाए कलाई
भाई की यह कहता है,
स्नेह धागा बंधित हो
स्मरण सदा कराता है ll
©आत्मा की स्याही
#love_shayari
रक्षा बंधन
कविता
हिंदी कविता