मैंने तेरे लिए सपनों के समंदर समेटे है, तन्हाई ने | हिंदी शायरी

"मैंने तेरे लिए सपनों के समंदर समेटे है, तन्हाई ने भी मेरी आशिकी के सामने घुटने टेके है। ऐ ग़ालिब जरा नजरे तो उठा, देख तेरा दीवाना आज तेरे हिस्से के खंजर अपने सीने पे लिए बैठे है।।"

 मैंने तेरे लिए सपनों के समंदर समेटे है,
तन्हाई ने भी मेरी आशिकी के सामने घुटने टेके है।
ऐ ग़ालिब जरा नजरे तो उठा,
देख तेरा दीवाना आज तेरे हिस्से के खंजर अपने सीने पे लिए बैठे है।।

मैंने तेरे लिए सपनों के समंदर समेटे है, तन्हाई ने भी मेरी आशिकी के सामने घुटने टेके है। ऐ ग़ालिब जरा नजरे तो उठा, देख तेरा दीवाना आज तेरे हिस्से के खंजर अपने सीने पे लिए बैठे है।।

#आशिकी

People who shared love close

More like this

Trending Topic