बेटा हमारी जान हो तुम
अपने बाबा और मां का अभिमान हो तुम
वैसे तो हमारा ही एक हिस्सा हो तुम
पर जिंदगी भर जो सबको सुना सके, वो प्यारा किस्सा हो तुम
हम कैसे भुल सकते है जो तेरी पहली बोली सुनकर जो हमारे दिल को आराम आया था
फिर तो जैसे हर पल हमारे होठों पर
दिन हो या रात,
बस तेरा ही नाम आया है
तेरे आखों से ओझल होते ही घबरा जाता है ये दिल
हरदम तेरी खैरियत ही तो चाहता है ये दिल
©Priya's poetry life
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