वो सुकूं भरी सी छाँव वो हरा भरा सा गाँव वो लहकी लह | हिंदी कविता

"वो सुकूं भरी सी छाँव वो हरा भरा सा गाँव वो लहकी लहकी पगडंडी वो हवाएँ ठंडी ठंडी वो प्रकृति का अभिनंदन नित इसका करे हम वंदन।b ©manav raj(मानव)"

 वो सुकूं भरी सी छाँव
वो हरा भरा सा गाँव
वो लहकी लहकी पगडंडी
वो हवाएँ ठंडी ठंडी 
वो प्रकृति का अभिनंदन
नित इसका करे हम वंदन।b

©manav raj(मानव)

वो सुकूं भरी सी छाँव वो हरा भरा सा गाँव वो लहकी लहकी पगडंडी वो हवाएँ ठंडी ठंडी वो प्रकृति का अभिनंदन नित इसका करे हम वंदन।b ©manav raj(मानव)

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