"मेरी डोर आज भी उसी छोर पे अटकी है !
जब उसने साड़ी पहन कर मेरी आंखों में कुछ यू देखा ,
उस वक्त लगा इश्क में हारना भी खुबसूरत है,
तुम्हारी निगाहों में दिल वार देना भी गजब है।।
इश्क हो प्यार हो तुम मेरा,
जमाने की आंखों में आंखे डाल देख लूं ऐसा विश्वास हो तुम मेरा।।
©Ahsas Alfazo ke
"