भाव भक्ति का मन में जब आता गया,
भक्त भक्ति के सागर में बहता गया,
भगवान भक्त के बनें भक्त उनका पुजारी बना,
दर्शन के प्यास भक्त के भगवान हो गए,
भक्त खो ही गया भगवान की महिमा देख कर,
भक्त धन्य हुआ भगवान को देख कर,
भक्त की आत्मा शुद्ध हुई तो उसको परमात्मा मिल गया,
मिलन परमात्मा के अंश का भी अनोखा हुआ,
भक्त ने भाव भक्ति से भगवान को पा लिया,
भगवान ने भक्त को अपनी शरण में ले लिया,
भक्त की भक्ति से तन मन पवित्र हुए,
आत्म शुद्धि से एक प्यार रिश्ता बना,
इस रिश्ते को भक्त का नाम मिला,
मान मिला जग में सम्मान मिला।
Meenakshi Sharma
©Meenakshi Sharma
मिलन भक्त भगवान का