वक्त ik रोज़ यारों फिर से दोहराया जाएगा
जो छुपाया गया है यारों फिर से बताया जाएगा
जो आज अपनी हकीकत की कर रहा तपतोशी
कल हकीकत में उन्हे हकीकत से हटाया जाएगा
यह रिवाज रही है हमेशा से मसलनदो के लिए
आप बस्ती में लगाकर इल्जाम औरों पर लगाया जा सके
तुम मंजिल से अपने भटक जाओ यह रहेगी हमेशा कोशिश
यह हसीन ख्वाब तुम्हें हमेशा दिखाया जाता है
किसी की खुशियां छीन कर जज्बात से खेला तुमने
यह हाल रहेगा अगर तुममें तो तुम कैसे अपनाए जाओगे
जमानत फिराक में है उन्हें डुबाने को आशीष
कोई दाग बदनामी का तुम्हे भी लगाया जाएगा
©Ashish Gupta