देखते ही दिल को मेरे भा गए वो
क्यू जाते वक्त मुस्कुरा गए वो,
काश ठहर जाता वक्त जी भर देख लेते हम
रूकता नहीं वक्त समझा गए वो,
मिले नहीं पल भर मिलन को यादगार बना गए वो
तनिक ठहरूँ मैं ना समझ हूँ ये क्या समझा गए वो,
यूँ तो ख़ामोश थे वे इतने की कुछ बोले नहीं
क्यू दिल में मेरे हलचल इतनी मचा गए वो ,
मैं समंदर ठहरा हुआ एक संगम सा
किनारे पर उठे और लहरा गए वो,
चेहरा दिखा या ढका था ओढ़नी से
ये क्या क्षण भर में पागल बना गए वो,
मैं कक्षा एक का बालक इस गणना में
कक्षा बारह की गणित पढ़ा गए वो,
मिलन अमन तुम संग चैन का कुछ ऐसा था
पल भर में माणक को चमका गए वो ..!
©Manak desai
राम राम सा ❤️🙏 खम्मा घणी सा 🙏 आप सगळा ने प्रणाम सा 🙏☕☕☕☕😊
मिलन की बात करते हैं संग दर्पण की आस करते हैं
उनको दिव्य ज्योति और खुद को जगमगाती लोह लिखता हूँ
बस एक स्वप्न का राज है या कुछ हकीकत थोड़ी थोड़ी,😂😂 कुछ बात है चोरी-चोरी,
बस कुछ लिखा हूँ भाव दो ज्यादा ना दीजिए अपने मस्तिष्क पर ताव 🫡🤭🤭🤭☕😊😊☕
नीचे एक शब्द लिखा हूँ पागल उसका अर्थ ये नहीं है कि मानसिक रोगी हो मस्तिष्क काम ना करता हो 😂
सब कुछ कुशल मंगल है बस
मन के बहकावे में ना मन भुले भटकें राह बिसरावें 😀🤭🙏🙏🙏🙏