ख्याल
उसका ख्याल मेरे सिरहाने पर से नहीं जाता है
मैं जब भी सोने जाता हूं वो दिल में उतर आता है
मैं रोता बिलखता उसे मिट जाने का कहता हूं
मेरे आंसुओ को देख भी वो तरस नहीं खाता है
ये ख्याल कोई मेरा अपना भी तो नहीं है
ना जाने फिर भी क्यों मुझपर इतना हक़ जताता है
थक कर इस से उलझते हुए में सो जाता हूं
दिल से निकल ये फिर सिरहाने में छुप जाता है
©surya pratap singh rana
#ख्याल