ऊँ नमः विष्णुप्रियाय, ऊँ नमः शिवप्रियाय,
ऊँ नमः कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा
ओर क्या मांगू तुझसे माँ क्या नहीं दिया तूने
हिस्सा का मेरे सब कुछ बख्श कमी नहीं की कोई
फिर भी मन की कह देता ज़िद मैं करता नहीं
उलझन या परीक्षा में डालकर कष्ट दे सकता नहीं
तेरी रजा हो जिसमें अब इच्छा भी मेरी वही
इच्छाओं का क्या एक पूरी नहीं दूसरी राह खड़ी
इसलिये इच्छाओं को ही मारना सीख लिया!
हम मांगन वाले तू है माँ बक्शण वाली
मांगन वाले कई करोड़ बस सबकी लाज रखना
सबकी रक्षा करना अपने बच्चों का सदा ख्याल!
शुभ दीपावली! आपको और आपके परिवार को
मोहन की और से दिवाली ढेर सारी
शुभकामनायें एवं हर्दिक बधाइयाँ!!
©Mahadev Son
और क्या तुझसे.... कमी नहीं की कोई... माँ
शुभ दिवाली!