26-12-2012
*एक दशक*
वक्त का ये परिंदा रुका है कहां
मैं था पागल जो इसको बुलाता रहा ,
चार पैसे कमाने मैं आया शहर ,
गांव मेरा मुझे याद आता रहा
गांव मेरा मुझे याद आता रहा ...
😢😢😢
©Vikul Kumar
@Neetu Maurya ≋P≋u≋s≋h≋p≋ Rakhie.. "दिल की आवाज़" @Ruchi Rathore