लेकर उमंग संग चले थे हँसी-खुशी, पहुँचे नदी के घाट | हिंदी Poetry

"लेकर उमंग संग चले थे हँसी-खुशी, पहुँचे नदी के घाट तो मेला उजड़ गया।। -दुष्यन्त ©Rohan Jha"

 लेकर उमंग संग चले थे हँसी-खुशी,
पहुँचे नदी के घाट तो मेला उजड़ गया।।

-दुष्यन्त

©Rohan Jha

लेकर उमंग संग चले थे हँसी-खुशी, पहुँचे नदी के घाट तो मेला उजड़ गया।। -दुष्यन्त ©Rohan Jha

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