हमारा मन पतंग की भांति होता है, जितना ढील देते हैं | हिंदी Video

"हमारा मन पतंग की भांति होता है, जितना ढील देते हैं, उतना ही लहराने लगता है... और जब डोर खींचने लगे.. खुले आसमान से वापस जमीं पर आने पर .. बेचैन हो जाता है, बावला होने लगता है। ©Medha Bhardwaj "

हमारा मन पतंग की भांति होता है, जितना ढील देते हैं, उतना ही लहराने लगता है... और जब डोर खींचने लगे.. खुले आसमान से वापस जमीं पर आने पर .. बेचैन हो जाता है, बावला होने लगता है। ©Medha Bhardwaj

#makarsankranti

People who shared love close

More like this

Trending Topic