सूखा सा दरिया हूँ मैं, तू नदी बन मुझमें बह जाया कर | हिंदी विचार

"सूखा सा दरिया हूँ मैं, तू नदी बन मुझमें बह जाया कर। तेरे नीर को पीकर दरख़्त बन जाऊँ मैं, तू पवन बन मुझे लहराया कर। मैं बरस जाऊँ तुझ पर बारिश बनकर, तू बरसते पानी की बूंद बन जाया कर।। ©Pt. Aditya Chaubey"

 सूखा सा दरिया हूँ मैं,
तू नदी बन मुझमें बह जाया कर। 
तेरे नीर को पीकर दरख़्त बन जाऊँ मैं, 
तू पवन बन मुझे लहराया कर। 
मैं बरस जाऊँ तुझ पर बारिश बनकर, 
तू बरसते पानी की बूंद बन जाया कर।।

©Pt. Aditya Chaubey

सूखा सा दरिया हूँ मैं, तू नदी बन मुझमें बह जाया कर। तेरे नीर को पीकर दरख़्त बन जाऊँ मैं, तू पवन बन मुझे लहराया कर। मैं बरस जाऊँ तुझ पर बारिश बनकर, तू बरसते पानी की बूंद बन जाया कर।। ©Pt. Aditya Chaubey

#zindagikerang

People who shared love close

More like this

Trending Topic