पुरसकून कितनी है अपनी फ़जा सोचिए..!
सोचिए, सोचिए और फिर गज़ा सोचिए..!!
बिस्तर पे मौत आई, मौत का मज़ा सोचिए..!
मलबों में दबी लाशें और वकते नज़ा सोचिए..!!
सआदते, शहादते और रब की रज़ा सोचिए..!
शरारते, अदावते और अपनी सज़ा सोचिए..!!
गोलियां, बंबारिया और वकते अज़ा सोचिए..!
आसाइशे, आसानियां और यौमे जज़ा सोचिए..!!
©Abd
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